नीतीश कुमार ने बनाए 3 नए विभाग, युवाओं को मिलेगी नौकरी
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने युवाओं को नौकरी देने के लिए तीन नए विभाग बनाने का ऐलान किया है - युवा-रोजगार और स्किल विभाग, हायर एजुकेशन विभाग और सिविल एविएशन विभाग। साथ ही छोटे-मध्यम कारोबार के लिए अलग एमएसएमई निदेशालय बनेगा। सरकार का लक्ष्य है कि अगले 5 साल में 1 करोड़ नौजवानों को रोजगार मिले।
सरकार ने सभी विभागों को दिसंबर 2025 तक रिक्तियों की सूची जमा करने और जनवरी 2026 में एकीकृत भर्ती कैलेंडर जारी करने का निर्देश दिया है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज बड़ी घोषणा की है। उन्होंने तीन नए विभाग बनाने का फैसला किया है:
साथ ही एमएसएमई (छोटे-मध्यम कारोबार) के लिए अलग से एक निदेशालय बनेगा और एक मार्केटिंग कंपनी भी शुरू होगी। मकसद साफ है – बिहार के युवाओं को यहीं नौकरी मिले, बाहर न जाना पड़े। सरकार ने कहा है कि अगले 5 साल में 1 करोड़ नौकरियां दी जाएंगी।
बिहार में बेरोजगारी की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2023-24 में राज्य की समग्र बेरोजगारी दर 3 प्रतिशत रही, जो राष्ट्रीय औसत (3.2 प्रतिशत) से थोड़ी कम है। लेकिन यह आंकड़ा भ्रामक है। वास्तविकता में, युवा बेरोजगारी (15-29 वर्ष) हाल के वर्षों में 16 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जो 2018-19 के 31 प्रतिशत से घटी तो है, लेकिन अभी भी राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक है। पेरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस) के अनुसार, राज्य में श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) मात्र 53.2 प्रतिशत और कार्यकर्ता जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) 51.6 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय स्तर पर 64.3 प्रतिशत और 58.2 प्रतिशत से काफी कम है। युवाओं में से केवल 28 प्रतिशत ही कार्यरत हैं, जबकि अधिकांश अनौपचारिक या कृषि-आधारित नौकरियों में फंसे हैं। राज्य में लगभग 3 करोड़ प्रवासी मजदूर हैं, जो दिल्ली, मुंबई और अन्य शहरों में पलायन कर मजदूरी कर रहे हैं।
पिछली सरकारों, खासकर नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार (2020-2025) ने बेरोजगारी कम करने के लिए कई योजनाएं चलाईं। 'सात निश्चय' के तहत 50 लाख युवाओं को सरकारी नौकरियां और रोजगार प्रदान किए गए। कौशल युवा कार्यक्रम (2016) से लाखों युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया, जबकि बेरोजगार युवाओं को दो वर्ष तक 1,000 रुपये मासिक भत्ता दिया गया। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना (2025) ने महिलाओं को सूक्ष्म उद्यमों के लिए प्रोत्साहन दिया, जिसमें सिलाई, सौंदर्य प्रसाधन और डेयरी जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
सरकार ने सभी विभागों को दिसंबर 2025 तक रिक्तियों की सूची जमा करने और जनवरी 2026 में एकीकृत भर्ती कैलेंडर जारी करने का निर्देश दिया है। भर्ती प्रक्रिया एक वर्ष के अंदर पूरी होनी चाहिए। केंद्रीय बजट 2025-26 में एमएसएमई के लिए क्रेडिट पहुंच, पहली बार उद्यमियों को सहायता और श्रम-गहन उद्योगों को प्रोत्साहन जैसे कदम भी सहायक होंगे।