बिहार चुनाव 2025: पहले चरण में रिकॉर्ड 64.66% वोटिंग, लोकतंत्र का ऐतिहासिक उत्सव. क्या बनीं इतनी ज्यादा वोटिंग की वजहें?

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण ने एक नया इतिहास रच दिया। 18 जिलों की 121 सीटों पर कुल 64.66% मतदाताओं ने वोट डाला, जो राज्य के चुनाव इतिहास की सबसे ज्यादा वोटिंग है। इससे पहले 2000 के चुनाव में 62.57% और 2020 के पहले चरण में सिर्फ 57.29% वोट पड़े थे। चुनाव आयोग (ईसीआई) के मुताबिक, यह वोटिंग शांतिपूर्ण रही और शाम 6 बजे तक लंबी कतारों के बीच खत्म हुई। ग्रामीण इलाकों में वोटिंग 70% से ऊपर रही, जबकि शहरी क्षेत्रों जैसे पटना के कुछ हिस्सों में थोड़ी कम लेकिन फिर भी बेहतर।

By : Bihar Talks | Posted On : 07-Nov-2025

पहले चरण में रिकॉर्ड 64.66% वोटिंग! ग्रामीण जोश ने तोड़ा इतिहास. Photo Credit: CEO Bihar/X

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बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण ने एक नया इतिहास रच दिया। 18 जिलों की 121 सीटों पर कुल 64.66% मतदाताओं ने वोट डाला, जो राज्य के चुनाव इतिहास की सबसे ज्यादा वोटिंग है। इससे पहले 2000 के चुनाव में 62.57% और 2020 के पहले चरण में सिर्फ 57.29% वोट पड़े थे। चुनाव आयोग (ईसीआई) के मुताबिक, यह वोटिंग शांतिपूर्ण रही और शाम 6 बजे तक लंबी कतारों के बीच खत्म हुई। कुल 3.75 करोड़ मतदाता थे, जिनमें 1.98 करोड़ पुरुष, 1.76 करोड़ महिलाएं और थर्ड जेंडर शामिल थे। ग्रामीण इलाकों में वोटिंग 70% से ऊपर रही, जबकि शहरी क्षेत्रों जैसे पटना के कुछ हिस्सों में थोड़ी कम लेकिन फिर भी बेहतर।

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, "बिहार ने देश को रास्ता दिखाया। 1951 के बाद सबसे ज्यादा वोटिंग हुई। मतदाताओं का जोश देखने लायक था। चुनाव टीम ने पूरी ईमानदारी से काम किया। यह लोकतंत्र की जीत है।" बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनोद गुंजल ने बताया कि 45,341 बूथों पर वोटिंग हुई। 85 साल से ऊपर के 2 लाख से ज्यादा बुजुर्गों ने वोट डाला। महिलाओं की भागीदारी भी शानदार रही। ईवीएम में सिर्फ 1.21% खराबी आई, जो 2020 के 1.87% से कम है। कुल 143 शिकायतें आईं, सब समय पर सुलझा ली गईं। कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।

जिलों और अहम सीटों पर वोटिंग का नजारा

ग्रामीण इलाकों ने कमान संभाली। 18 जिलों में सबसे ज्यादा वोटिंग बेगूसराय में 67.32% हुई। उसके बाद गोपालगंज (64.96%), मुजफ्फरपुर (64.63%), मधेपुरा (65.74%) और समस्तीपुर (66.65%)। सबसे कम शेखपुरा में 52.36% और पटना में 55.02%। अन्य जिलों में लखीसराय 62.76%, खगड़िया 60.65%, सारण 60.90%, वैशाली 59.45%, भोजपुर 53.24%, बक्सर 55.10%, दरभंगा 58.38%, मुंगेर 54.90%, नालंदा 57.58% और सहरसा 62.65%।

कुछ खास सीटों पर:

  • तेजस्वी यादव की राघोपुर: 64.01%
  • तेज प्रताप यादव की महुआ: 54.88%
  • सम्राट चौधरी की तारापुर: 58.33%
  • गायिका मैथिली ठाकुर की अलीनगर: 58.05%
  • ओसामा शहाब की रघुनाथपुर: 51.18%
  • छपरा: 56.32%
  • मोकामा: 62.16%
  • फुलवारी: 62.14%
  • शहरी सीट बांकीपुर: सिर्फ 40% (2020 के 35.2% से बेहतर लेकिन कम)

टॉप 10 सीटें जहां वोटिंग सबसे ज्यादा हुई

ग्रामीण सीटों पर जोश चरम पर था। नीचे 2025 की वोटिंग, 2020 से तुलना (कुछ सीटों पर सीमांकन के बाद बदलाव) और मुख्य उम्मीदवार दिए गए हैं। डेटा ईसीआई, एनडीटीवी और एबीपी लाइव से।

रैंक

सीट (जिला)

2025 वोटिंग (%)

2020 वोटिंग (%)

बदलाव (%)

मुख्य उम्मीदवार (2025)

1

मीनापुर (मुजफ्फरपुर)

73.29

62.5

+10.79

बीजेपी बनाम आरजेडी बनाम वीआईपी

2

परू (मुजफ्फरपुर)

71.10

63.2

+7.9

जेडीयू बनाम आरजेडी

3

कल्याणपुर (एससी) (समस्तीपुर)

71.62

64.8

+6.82

आरजेडी बनाम बीजेपी

4

सरायरंजन (समस्तीपुर)

70.19

61.5

+8.69

जेडीयू बनाम कांग्रेस

5

बछवाड़ा (बेगूसराय)

69.67

60.3

+9.37

आरजेडी बनाम एलजेपी-आर

6

तेघड़ा (बेगूसराय)

69.75

59.8

+9.95

कांग्रेस (कन्हैया कुमार का प्रभाव) बनाम बीजेपी

7

हसनपुर (समस्तीपुर)

68.39

58.7

+9.69

आरजेडी बनाम जेडीयू

8

चेरिया-बैरियापुर (बेगूसराय)

68.83

57.9

+10.93

आरजेडी बनाम एचएएम

9

कांटी (मुजफ्फरपुर)

68.88

61.4

+7.48

बीजेपी बनाम आरजेडी

10

वारिसनगर (समस्तीपुर)

68.55

62.1

+6.45

जेडीयू बनाम लेफ्ट

इन टॉप 10 सीटों पर क्या था मुख्य मुकाबला?

  • मीनापुर: बीजेपी के मौजूदा विधायक को आरजेडी की स्थानीय विकास पर चुनौती; वीआईपी ने तीसरा कोण जोड़ा।
  • परू: जेडीयू का गढ़ बनाम आरजेडी की जातिगत एकजुटता।
  • कल्याणपुर (एससी): आरक्षित सीट; आरजेडी ने दलित एजेंडा चलाया, बीजेपी ने केंद्र की योजनाओं पर जोर।
  • सरायरंजन: जेडीयू बनाम कांग्रेस; महिलाओं की ज्यादा वोटिंग।
  • बछवाड़ा: आरजेडी का पारिवारिक प्रभाव बनाम चिराग पासवान की एलजेपी-आर।
  • तेघड़ा: कांग्रेस ने कन्हैया कुमार के अपील का फायदा उठाया (वे खुद नहीं लड़े); एनडीए विरोधी लहर।
  • हसनपुर: आरजेडी बनाम जेडीयू; पलायन मुद्दा हावी।
  • चेरिया-बैरियापुर: आरजेडी बनाम जीतन राम मांझी की एचएएम; महादलित वोट निर्णायक।
  • कांटी: बीजेपी बनाम आरजेडी; औद्योगिक वादे।
  • वारिसनगर: जेडीयू बनाम सीपीआई(एमएल); लेफ्ट का किसान आधार मजबूत।

रिकॉर्ड वोटिंग के पीछे 10 मुख्य कारण

विशेषज्ञों के मुताबिक, राजनीतिक, सामाजिक और व्यवस्थागत कारणों से यह उछाल आया। ईसीआई डेटा और जमीन की रिपोर्ट्स पर आधारित:

  1. तगड़ी दो-दलीय लड़ाई: एनडीए (बीजेपी-जेडीयू-एचएएम-एलजेपी-आर) और महागठबंधन (आरजेडी-कांग्रेस-वीआईपी-लेफ्ट) के बीच कांटे की टक्कर। नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने 20 साल के शासन पर जनमत संग्रह का फ्रेम किया।
  2. युवा और पहली बार वोटर: 10.72 लाख नए वोटर और 7.38 लाख 18-19 साल के युवाओं ने जोरदार एंट्री की। नौकरी और पलायन रोकने के वादों से प्रेरित।
  3. बड़े नामों की मौजूदगी: मैथिली ठाकुर (बीजेपी, अलीनगर), तेजस्वी यादव (आरजेडी, राघोपुर) और ओसामा शहाब (आरजेडी, रघुनाथपुर) जैसे सितारों ने भीड़ खींची।
  4. बेहतर सुरक्षा और पहुंच: ईसीआई ने 45,341 बूथों पर भारी फोर्स, ड्रोन और वेबकास्टिंग लगाई; 36,733 ग्रामीण बूथों पर बुजुर्गों-दिव्यांगों के लिए वाहन।
  5. मौसम का साथ: साफ आसमान और ठंडा मौसम; पुराने चुनावों में बारिश बाधा बनी थी।
  6. जोरदार प्रचार और अपील: तेजस्वी का "नया बिहार" और लालू का "रोटी पलटती रहनी चाहिए" गूंजा; नीतीश ने कहा "पहले मतदान, फिर जलपान"।
  7. विरोधी लहर बनाम विकास की बहस: एनडीए का इंफ्रास्ट्रक्चर फोकस बनाम विपक्ष का बेरोजगारी हमला; ग्रामीण वोटर उत्तेजित।
  8. महिला सशक्तिकरण: 80+ सीटों पर महिलाओं की वोटिंग बढ़ी; मुफ्त बस यात्रा और पिंक बूथों का असर।
  9. प्रवासियों की वापसी: बिहार के प्रवासी घर लौटे और वोट डाला; नौकरी वादों से प्रेरित।
  10. कोरोना के बाद जागरूकता: 2020 की कम वोटिंग (कोविड के कारण) से सबक; ईसीआई के शिक्षा अभियान ने मदद की।

नेताओं की प्रतिक्रियाएं: दावे और हमले

एनडीए की तरफ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "एनडीए को भारी बढ़त मिली। दूसरा चरण भी इसी जोर पर।" विपक्ष पर निशाना: "आरजेडी-कांग्रेस घुसपैठियों को बचाते हैं, जंगल राज लौटेगा तो बिहार पिछड़ेगा।" बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर: "आरजेडी के राज में जंगल राज था, अब कानून का राज। लोग विकास चाहते हैं।" उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी: "एनडीए 121 में 100 सीटें जीतेगा। तेजस्वी राघोपुर से हारेंगे। लालू परिवार का कोई नहीं जीतेगा।" केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय: "लोग एनडीए के लिए उत्साहित, विकसित बिहार का संकल्प।" जेडीयू के संजय झा: "महिलाएं नीतीश पर भरोसा करती हैं।" चिराग पासवान: "एनडीए ऐतिहासिक जीत की ओर।"

विपक्ष की तरफ: तेजस्वी यादव: "20 साल की अंधेरी को दूर करने के लिए हर बिहारी निकला। बदलाव की लहर। हर परिवार को एक नौकरी, गैस सिलेंडर 500 रुपये, 200 यूनिट बिजली मुफ्त। युवा सरकार आएगी।" लालू प्रसाद: "तवे पर रोटी पलटती रहनी चाहिए, वरना जल जाएगी। 20 साल बहुत हो गए। तेजस्वी सरकार जरूरी।" कांग्रेस के पवन खेड़ा: "युवा, महिलाएं, बुजुर्ग गुस्से में वोट दे रहे। बदलाव आ रहा।" जन सुराज के प्रशांत किशोर: "विजय सिन्हा के काफिले पर हमला; कोई सुरक्षित नहीं, कानून का राज खत्म।"

पर्यवेक्षक तारीफ, छोटी घटनाएं

इंडोनेशिया, फ्रांस समेत 7 देशों के पर्यवेक्षकों ने ईसीआई के आईईवीपी के तहत प्रक्रिया की सराहना की। नालंदा में 4 बीजेपी समर्थकों को पर्चे बांटने पर हिरासत में लिया गया, लेकिन कोई बड़ा बवाल नहीं।

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