बिहार विधानसभा चुनाव 2025, 6 और 13 नवंबर को दो चरणों में होंगे, और मतगणना 14 नवंबर को होगी। इस बार, चुनाव आयोग ने 6 अक्टूबर 2025 को पटना में एक खास ऐप ‘ईसीआई नेट’ लॉन्च किया, जिसे ‘सभी ऐप्स की मां’ कहा गया। यह ऐप बिहार के करीब 10 करोड़ वोटरों और चुनावी काम करने वालों के लिए जिंदगी आसान बनाएगा। आइए, आसान भाषा में समझें कि यह ऐप क्या है, क्यों जरूरी है, और कैसे काम करेगा।
ईसीआई नेट ऐप क्या है?
ईसीआई नेट (ECI Net) एक ऐसा ऐप है, जो चुनाव आयोग के 40 से ज्यादा पुराने ऐप्स को एक जगह लाता है। जैसे, वोटर हेल्पलाइन, सीविजिल (चुनाव में गड़बड़ी की शिकायत), सुविधा 2.0 (उम्मीदवारों के लिए), और सकष्म (कर्मचारियों की ट्रेनिंग)। इसे मोबाइल या कंप्यूटर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। इसका डिज़ाइन आसान है, और यह पूरी तरह सुरक्षित भी है। आप इसे ecinet.eci.gov.in पर लॉगिन करके देख सकते हैं।
इसकी जरूरत क्यों पड़ी?
पहले, वोटरों और अधिकारियों को अलग-अलग ऐप्स डाउनलोड करने पड़ते थे, जिनके अलग लॉगिन और जटिल तरीके थे। इससे समय बर्बाद होता था। बिहार में 10.5 लाख बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ), 45 लाख पोलिंग स्टाफ, और हजारों अधिकारी काम करते हैं। 2020 में बिहार का वोटर टर्नआउट सिर्फ 57% था, जो कम था। गड़बड़ी की शिकायतें और धीमा डेटा अपडेट भी समस्या थी। ईसीआई नेट इन सबको ठीक करने के लिए बनाया गया है। यह 17 नई योजनाओं का हिस्सा है, जैसे मोबाइल जमा करने की सुविधा और 100% वेबकास्टिंग।
कैसे काम करेगा ईसीआई नेट ऐप?
ईसीआई नेट में एक ही लॉगिन से सारी सुविधाएं मिलेंगी। इसके मुख्य काम:
- वोटरों के लिए: नया वोटर रजिस्ट्रेशन (फॉर्म 6), एनआरआई रजिस्ट्रेशन (फॉर्म 6ए), वोटर लिस्ट में नाम चेक करना, डिजिटल वोटर आईडी डाउनलोड करना, और शिकायत दर्ज करना।
- रीयल-टाइम डेटा: चुनाव वाले दिन हर दो घंटे में वोटिंग की जानकारी अपलोड होगी, ताकि तुरंत अपडेट मिले।
- केवल अधिकारियों के लिए: सिर्फ ईसीआई के अधिकृत लोग डेटा डाल सकते हैं, जिससे गलतियां कम हों।
- सुरक्षा और एकीकरण: पुराने ऐप्स के फीचर्स इसमें जुड़े हैं, और साइबर सिक्योरिटी मजबूत है।
बिहार में यह हर बूथ पर 1,200 वोटरों की सीमा और ईवीएम पर रंगीन फोटो जैसी नई चीजों के साथ काम करेगा।
लाभार्थी: कौन पाएंगे मदद?
- मतदाता (10 करोड़+): रजिस्ट्रेशन ट्रैकिंग और शिकायत निपटान आसान।
- चुनाव अधिकारी: बीएलओ, ईआरओ और डीईओ के लिए डेटा हैंडलिंग सरल; सकष्म से ट्रेनिंग एकीकृत।
- राजनीतिक दल और एजेंट: 15 लाख बूथ लेवल एजेंट सुविधा और ईएसएमएस से लाभान्वित।
- सिविल सोसाइटी: सीविजिल से पारदर्शिता बढ़ेगी।
बिहार में, जहां जातिगत समीकरण प्रमुख हैं, यह ऐप वंचित वर्गों (महिलाएं, एससी/एसटी) को सशक्त बनाएगा। विश्लेषण: इससे वोटर एंगेजमेंट बढ़ेगा, लेकिन डिजिटल डिवाइड (ग्रामीण vs. शहरी) को पाटने के लिए ईसीआई को ऑफलाइन बैकअप बढ़ाने होंगे।
बिहार में, जहां महिलाएं और कमजोर वर्ग कम वोट करते हैं, यह ऐप उनकी भागीदारी बढ़ा सकता है। लेकिन ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट की कमी चुनौती हो सकती है। ईसीआई नेट का लक्ष्य है ‘पारदर्शी और तनावमुक्त चुनाव’। यह बिहार चुनाव 2025 में पहली बार इस्तेमाल होगा, फिर पूरे देश में फैलेगा।
बिहार में, जहां एनडीए और महागठबंधन की टक्कर है, यह ऐप वोटिंग को आसान और निष्पक्ष बनाएगा। लेकिन इसके लिए ग्रामीण इंटरनेट और ट्रेनिंग बढ़ानी होगी।