बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का दूसरा और अंतिम चरण आज संपन्न हो गया, जिसमें रिकॉर्डतोड़ मतदान दर्ज किया गया। चुनाव आयोग के अनुसार, दूसरे चरण में शाम 5 बजे तक 67.14% मतदान हुआ, जबकि पहले चरण में 65.09% वोटिंग दर्ज की गई थी। कुल मिलाकर, इस चुनाव में औसत मतदान प्रतिशत लगभग 66% रहा, जो 2020 के विधानसभा चुनाव के 57.33% से काफी अधिक है। यह बढ़ोतरी महिलाओं, युवाओं और ग्रामीण मतदाताओं की सक्रिय भागीदारी को दर्शाती है, जो राज्य की राजनीतिक गतिशीलता में बदलाव का संकेत दे सकती है। अब सबकी नजरें 14 नवंबर को होने वाली मतगणना पर हैं, लेकिन उससे पहले एग्जिट पोल्स ने राजनीतिक परिदृश्य की एक झलक पेश की है। विभिन्न सर्वे एजेंसियों के औसत अनुमान के अनुसार, नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को स्पष्ट बहुमत मिलने के आसार हैं, जबकि तेजस्वी यादव के महागठबंधन को बड़ा झटका लग सकता है।
एग्जिट पोल्स के प्रमुख अनुमान और औसत गणना
इस चुनाव में विभिन्न एजेंसियों जैसे दैनिक भास्कर, पीपुल्स इनसाइट, मैट्रिज, पीपुल्स पल्स, पी-मार्क और जेवीसी ने एग्जिट पोल जारी किए। इनमें से अधिकांश ने एनडीए को बहुमत का आंकड़ा पार करते दिखाया है। बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं, और बहुमत के लिए 122 सीटें जरूरी हैं। यहां प्रमुख एग्जिट पोल्स के अनुमान दिए जा रहे हैं:
* दैनिक भास्कर: एनडीए को 145-160 सीटें, महागठबंधन को 73-91, अन्य को 5-10
* पीपुल्स इनसाइट: एनडीए को 133-148, महागठबंधन को 87-102, जन सुराज पार्टी (जेएसपी) को 0-2, अन्य को 3-6
* मैट्रिज: एनडीए को 147-167, महागठबंधन को 70-90, जेएसपी को 0-2, अन्य को 2-8
* पीपुल्स पल्स: एनडीए को 133-159, महागठबंधन को 75-101, जेएसपी को 0-5
* पी-मार्क: एनडीए को 142-162, महागठबंधन को 80-98, जेएसपी को 1-4
* जेवीसी: एनडीए को 135-150, महागठबंधन को 88-103
इन अनुमानों के औसत की गणना करने पर एनडीए को लगभग 148 सीटें (रेंज 133-167 के बीच औसत) मिलने का अनुमान है, जो स्पष्ट बहुमत दर्शाता है। महागठबंधन को औसतन 88 सीटें (रेंज 70-103 के बीच) मिल सकती हैं, जो 2020 के 110 सीटों से काफी कम है। जन सुराज पार्टी (प्रशांत किशोर की पार्टी) को अधिकांश पोल्स में 0-5 सीटें ही मिलने का अनुमान है, जो उसके डेब्यू के लिए निराशाजनक है। अन्य पार्टियां जैसे एआईएमआईएम, बीएसपी और निर्दलीय उम्मीदवारों को कुल 5-10 सीटें मिल सकती हैं।
ये अनुमान मतदाताओं के सैंपल सर्वे पर आधारित हैं, जहां पोलिंग बूथ से बाहर निकलने वाले वोटरों से उनके वोट के बारे में पूछा जाता है। हालांकि, एग्जिट पोल्स हमेशा सटीक नहीं होते, 2020 में अधिकांश पोल्स ने महागठबंधन की जीत का अनुमान लगाया था, लेकिन एनडीए ने 125 सीटें जीतकर सरकार बनाई। 2015 में भी पोल्स ने महागठबंधन की जीत का सही अनुमान लगाया था, लेकिन सीटों की संख्या में भारी अंतर था।
इस चुनाव में मतदान प्रतिशत में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है, जो बिहार की राजनीतिक जागरूकता को दर्शाती है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार:
- 2025 का मतदान: पहले चरण (121 सीटें) में 65.09%, दूसरे चरण (122 सीटें) में 67.14% (अनंतिम)। कुल औसत लगभग 66%। किशनगंज में सर्वाधिक 76.26% मतदान हुआ, जबकि नवादा में सबसे कम 57.31%।
- 2020 का मतदान: कुल 57.33%। पहले चरण में 53.54%, दूसरे में 55.70%, तीसरे में 56.02%। महिलाओं का मतदान पुरुषों से कम था।
- तुलना: इस बार मतदान में लगभग 9% की बढ़ोतरी हुई है, जो बिहार के इतिहास में सर्वाधिक है। महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा वोट दिया (पहले चरण में महिलाएं 68% vs पुरुष 62%)। युवा और ग्रामीण मतदाताओं की भागीदारी बढ़ी, जो रोजगार, विकास और जातिगत मुद्दों से प्रभावित लगते हैं। कोसी-सीमांचल जैसे बाढ़ प्रभावित इलाकों में उच्च मतदान (कटिहार 75.23%, पूर्णिया 73.79%) देखा गया, जहां अल्पसंख्यक समुदाय की संख्या अधिक है।