नीतीश कुमार ने बनाए 3 नए विभाग, युवाओं को मिलेगी नौकरी
बिहार विधानसभा चुनाव 2025: एग्जिट पोल्स में एनडीए की स्पष्ट बढ़त, महागठबंधन पिछड़ा
बिहार विधानसभा चुनाव 2025: दूसरे चरण में कल 122 सीटों पर वोटिंग, 1302 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर
बिहार चुनाव 2025: पहले चरण में रिकॉर्ड 64.66% वोटिंग, लोकतंत्र का ऐतिहासिक उत्सव. क्या बनीं इतनी ज्यादा वोटिंग की वजहें?
बिहार में महिलाओं का वोट बैंक सत्ता की चाबी? SIR से अनुपात गिरा, लेकिन योजनाओं से सशक्तिकरण
बिहार चुनाव 2025: हर बूथ पर लाइव कैमरा, दिखेगा सब कुछ?
बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा पर दो वोटर ID रखने का गंभीर आरोप लगा है। RJD नेता तेजस्वी यादव ने दावा किया कि सिन्हा का नाम लखीसराय और पटना के बांकीपुर विधानसभा की वोटर लिस्ट में है, जिसमें उनकी उम्र भी अलग-अलग (57 और 60 वर्ष) बताई गई है। चुनाव आयोग ने सिन्हा को 14 अगस्त 2025 तक जवाब देने का नोटिस जारी किया है। सिन्हा ने सफाई दी कि उन्होंने 2024 में बांकीपुर से नाम हटाने का आवेदन किया था, लेकिन प्रशासनिक देरी के कारण यह नहीं हुआ। यह मामला SIR विवाद के बीच बिहार की सियासत को गर्मा रहा है।
डिप्टी सीएम विजय सिन्हा पर दो वोटर ID का आरोप, तेजस्वी के खुलासे के बाद EC का नोटिस. Photo Credit - Vijay Kumar Sinha/X
बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा अब फंसे दो - दो एपिक नंबर के चक्कर में! डिप्टी सीएम पर दो वोटर ID रखने का आरोप
SIR पर मचे बवाल के बीच अब बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा पर भी गंभीर आरोप लग गया है. बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा पर दो वोटर आईडी रखने का आरोप लगा है. डिप्टी सीएम पर आरोप लगाया है पूर्व डिप्टी सीएम और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने. तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया है कि बिहार के डिप्टी सीएम के पास लखीसराय और पटना के बांकीपुर में दोनों जगहों पर वोटर लिस्ट में नाम है. यानी, दोनों जगहों पर इनके दो वोटर आईडी और दो एपिक नंबर हैं. तेजस्वी यादव खुद चुनाव आयोग के नोटिस का सामना कर रहे हैं, मामला दो एपिक नंबर रखने का है. लेकिन, अब इस नए खुलासे से तेजस्वी पर आक्रामक बीजेपी को सफाई देनी पड़ रही है. चुनाव आयोग ने भी विजय सिन्हा को दो वोटर आईडी कार्ड रखने और दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में नाम के आरोप में नोटिस जारी किया है. यह नोटिस अभी SIR के दौरान प्रकाशित हुई ड्राफ्ट निर्वाचक सूची के आधार पर भेजा गया है.
डिप्टी सीएम पर आरोप है कि उनका नाम पटना जिले की बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र में मतदान केंद्र 405 पर है जिसका क्रमांक 757 और एपिक नंबर AFS0853341 है, जबकि लखीसराय विधानसभा क्षेत्र में एपिक नंबर IAF3939337 है और वहां भी वोटर लिस्ट में उनका नाम है. तेजस्वी यादव ने दावा किया कि दोनों आईडी में विजय सिन्हा की उम्र अलग-अलग है. एक में 60 और दूसरे में 57 वर्ष बताई गई है. तेजस्वी ने कहा कि यह धोखाधड़ी की तरफ साफ- साफ इशारा करता है. इसी आरोप के चलते चुनाव आयोग ने विजय सिन्हा को 14 अगस्त 2025 को शाम 5 बजे तक लिखित स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है.
गौरतलब है कि SIR के तहत 65 लाख से ज्यादा मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं, जिसमें 22 लाख मृतक शामिल हैं. इसके अलावा 36 लाख वैसे लोगों के नाम शामिल हैं जो स्थायी रूप से दूसरी जगह शिफ्ट हो गए हैं. जबकि, 7 लाख डुप्लीकेट एंट्री वाले लोगों के नाम काटे गए हैं. हालांकि इन तमाम आरोपों पर विजय सिन्हा की तरफ से सफाई आई है. विजय सिन्हा का कहना है कि उन्होंने अप्रैल 2024 में यानी एक साल पहले ही अपना वोटर रजिस्ट्रेशन बांकीपुर से लखीसराय स्थानांतरित करने के लिए आवेदन किया था. लेकिन प्रशासनिक देरी की वजह से अब तक उनका नाम दोनों जगह बना रहा. पूरा इंडिया गठबंधन और विपक्ष पहले से ही आरोप लगा रहा है कि SIR की प्रक्रिया बीजेपी और एनडीए के पक्ष में माहौल बनाने के लिए मतदाताओं को जोड़ने और हटाने के लिए किया जा रहा है.
अब इस पूरे मामले में विजय सिन्हा को 14 अगस्त तक जवाब देना है. यदि इस मामले में आरोप साबित होता है तो विजय सिन्हा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 31 के तहत इस तरह की झूठी घोषणा के लिए एक साल की जेल या जुर्माना हो सकता है. यदि जानबूझकर डुप्लीकेट रजिस्ट्रेशन करने का आरोप साबित हो जाता है तो विजय सिन्हा का मतदान करने का अधिकार भी रद्द हो सकता है या उनके खिलाफ अयोग्यता की कार्रवाई भी शुरू हो सकती है. लेकिन विजय सिन्हा पर हमलावर तेजस्वी यादव के लिए भी मुश्किलें कम नहीं हैं. तेजस्वी यादव अगर दो एपिक नंबर के मामले में संतोषजनक जवाब नहीं देते हैं तो चुनाव आयोग उन पर भी कार्रवाई कर सकता है. लिहाजा चुनाव आयोग के बहाने ही सही एस आई आर को लेकर दोनों नेता आमने-सामने हैं और विजय सिन्हा के मामले के सामने आने पर अब तेजस्वी को हमलावर होने का मौका मिल गया है. इसलिए तेजस्वी को अपने मामले में बचाव की गुंजाइश ज्यादा दिखने लगी है.