बिहार चुनाव 2025: तेजस्वी यादव बने महागठबंधन के सीएम चेहरे, एनडीए अभी चुप क्यों?

महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को बिहार चुनाव के लिए सीएम उम्मीदवार घोषित किया, जो युवा वोटरों को आकर्षित कर सकता है। एनडीए ने अभी तक अपना सीएम चेहरा नहीं बताया, अमित शाह ने कहा कि चुनाव बाद फैसला होगा।

By : Bihar Talks | Posted On : 23-Oct-2025

बिहार चुनाव में महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को सीएम चेहरे के रूप में चुना! युवा नेतृत्व से उम्मीदें बढ़ीं. Photo Credit- Bihar Congress/X

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बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन ने आखिरकार अपना मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर दिया है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव को गठबंधन का सीएम उम्मीदवार बनाया गया है। यह घोषणा गुरुवार को पटना में एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में की गई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने कहा, "तेजस्वी यादव बिहार में इंडिया गठबंधन के सीएम चेहरे होंगे।" इस फैसले से महागठबंधन में एकता दिख रही है, लेकिन एनडीए अभी भी अपने सीएम चेहरे पर चुप्पी साधे हुए है।

तेजस्वी यादव को सीएम चेहरे के रूप में चुनने का मुख्य कारण उनकी युवा छवि और पिछले प्रदर्शन है। वे आरजेडी के प्रमुख नेता हैं और लालू प्रसाद यादव के बेटे हैं। महागठबंधन के नेताओं का मानना है कि तेजस्वी युवाओं और पिछड़े वर्गों को जोड़ सकते हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी ने कहा, "हम सिर्फ सत्ता के लिए नहीं, बल्कि बिहार को बेहतर बनाने के लिए एकजुट हुए हैं। सभी सदस्यों ने मुझ पर भरोसा जताया है, इसके लिए मैं उनका शुक्रिया अदा करता हूं।" कांग्रेस, वीआईपी और वामपंथी दलों के नेताओं की मौजूदगी से यह फैसला मजबूत दिखता है।

यह घोषणा महागठबंधन के लिए एक बड़ा कदम है। पहले सीट बंटवारे पर विवाद थे, लेकिन अब तेजस्वी को चेहरा बनाकर गठबंधन ने एकता दिखाई है। इससे पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह आएगा और वोटरों को स्पष्ट विकल्प मिलेगा। आरजेडी के 143 सीटों पर उम्मीदवार उतारने से साफ है कि तेजस्वी पार्टी की मुख्य ताकत हैं। अगर जीत हुई तो वे गठबंधन को मजबूत रखेंगे और परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाएंगे।

तेजस्वी की घोषणा से महागठबंधन को चुनाव में फायदा मिल सकता है। वे युवा वोटरों को आकर्षित कर सकते हैं, जो बिहार में बेरोजगारी और विकास के मुद्दों पर नाराज हैं। तेजस्वी ने 'डबल इंजन सरकार' पर हमला बोलते हुए कहा, "एक इंजन अपराध पर चलता है और दूसरा भ्रष्टाचार पर। हम ऐसी सरकार को उखाड़ फेंकेंगे।" इससे विपक्षी वोट एकजुट हो सकते हैं। साथ ही, नया नारा 'चलो बिहार, बदलें बिहार' लोगों को जोड़ सकता है। चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होंगे, नतीजे 14 नवंबर को आएंगे।

तेजस्वी की छवि मिश्रित है। कई लोग उन्हें युवा और ऊर्जावान नेता मानते हैं, जो नौकरियों और विकास पर बात करते हैं। 2020 चुनाव में आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, जो उनकी लोकप्रियता दिखाता है। लेकिन कुछ लोग उन्हें परिवारवाद और पुराने 'जंगल राज' से जोड़कर देखते हैं। राजनीतिक विश्लेषक प्रशांत किशोर ने कहा है कि तेजस्वी युवाओं को पसंद हैं, लेकिन एनडीए की ताकत से मुकाबला चुनौतीपूर्ण होगा। जनता में उनकी स्वीकार्यता बढ़ रही है, खासकर विपक्षी भूमिका में।

तेजस्वी यादव का राजनीतिक सफर क्रिकेट से शुरू हुआ। वे आईपीएल में खेल चुके हैं, लेकिन 2015 में राजनीति में आए। 2015-2017 तक बिहार के उप-मुख्यमंत्री रहे। 2020 चुनाव में नेता प्रतिपक्ष बने। उन्होंने नौकरियों, शिक्षा और स्वास्थ्य पर फोकस किया। उनके पिता लालू प्रसाद यादव और मां राबड़ी देवी पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं। तेजस्वी ने हाल में चार बड़े वादे किए, जैसे महिलाओं को सशक्त बनाना। उनका करियर तेजी से ऊपर उठा है, लेकिन परिवार के घोटालों का बोझ भी है।
अगर तेजस्वी मुख्यमंत्री बनते हैं, तो बिहार में नौकरियां, शिक्षा और स्वास्थ्य पर जोर होगा। वे युवाओं के लिए योजनाएं ला सकते हैं, जैसे 10 लाख नौकरियां देने का वादा। विकास पर फोकस से 'जंगल राज' की छवि बदल सकती है। लेकिन गठबंधन की एकता बनाए रखना चुनौती होगी। तेजस्वी ने कहा, "यह नीतीश कुमार का आखिरी चुनाव हो सकता है।"

आरजेडी में तेजस्वी मुख्य चेहरा हैं, लेकिन उनके भाई तेज प्रताप यादव भी सक्रिय हैं। अगर जीत हुई तो तेज प्रताप कैबिनेट में जगह पा सकते हैं। कांग्रेस से राजेश राम या वाम दलों से नेता डिप्टी सीएम बन सकते हैं। वीआईपी चीफ मुकेश सहनी को भी डिप्टी सीएम का पद मिल सकता है, जैसा कि कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है। लालू प्रसाद यादव सलाहकार भूमिका में रहेंगे।

एनडीए ने अभी सीएम चेहरे की घोषणा नहीं की है। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा, "चुनाव के बाद विधायकों की संख्या के आधार पर फैसला होगा।" यह देरी रणनीतिक है, क्योंकि एनडीए नीतीश कुमार पर निर्भर है, लेकिन बीजेपी अपनी ताकत बढ़ाना चाहती है। अगर जेडीयू कम सीटें जीतेगी तो बीजेपी अपना नेता चुन सकती है। प्रशांत किशोर ने भविष्यवाणी की है कि जेडीयू 25 सीटों से कम पर सिमट सकती है।

एनडीए में नीतीश कुमार मुख्य चेहरा हैं, लेकिन अनिश्चितता है। अगर जेडीयू अच्छा प्रदर्शन करे तो नीतीश फिर सीएम बनेंगे, क्योंकि वे पिछड़े वर्गों के वोट लाते हैं। लेकिन अगर बीजेपी ज्यादा सीटें जीतेगी तो चिराग पासवान या कोई बीजेपी नेता जैसे सम्राट चौधरी आ सकते हैं। बीजेपी नेता जेपी नड्डा ने आरजेडी पर हमला बोलते हुए कहा, "आरजेडी मतलब रंगदारी, जंगल राज और दादागिरी।" केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने तंज कसा, "लालू ने कांग्रेस से खुशामद करके बेटे का नाम घोषित करवाया।" 

चुनाव प्रचार में एनडीए नेता पूरी तरह से लग गए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दीपावली के अगले दिन से ही धुंआधार चुनाव प्रचार में जुट गए हैं. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बिहार दौरे पर आज थे. कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उसके अगले दिन गृह मंत्री अमित शाह की भी जनसभा होनी है. ऐसे में इंडिया गठबंधन चुनाव कैंपेन में एनडीए से कहीं पीछे दिख रहा है. लेकिन, अब तेजस्वी यादव के चेहरे को आगे करने के बाद ऑल इज वेल का दावा करते हुए महा समर में उतरने की विपक्ष की तैयारी है.

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