बिहार चुनाव 2025: हर बूथ पर लाइव कैमरा, दिखेगा सब कुछ?

बिहार में यह पहली बार है जब इतने बड़े पैमाने पर 100% कवरेज का लक्ष्य रखा गया है। राज्य अधिकारियों ने वेंडरों से सीसीटीवी और वेबकास्टिंग सेवाएं हासिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

By : Bihar Talks | Posted On : 01-Nov-2025

बिहार सरकार और राज्य चुनाव कार्यालय (सीईओ) ईसीआई के तकनीकी दिशानिर्देशों के तहत कैमरे, स्ट्रीमिंग और निगरानी सिस्टम की खरीद व स्थापना कर रहे हैं।

lightning news

चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले हर मतदान केंद्र पर लाइव ऑडियो-वीडियो वेबकास्टिंग अनिवार्य कर दी गई है। इसका लक्ष्य है,  जहां कनेक्टिविटी उपलब्ध है, वहां 100% बूथों की लाइव निगरानी। 

बिहार सरकार और राज्य चुनाव कार्यालय (CEO) ईसीआई के तकनीकी दिशानिर्देशों के तहत कैमरे, स्ट्रीमिंग और निगरानी सिस्टम की खरीद व स्थापना कर रहे हैं। यह कदम न केवल बूथ कैप्चरिंग और अवैध प्रलोभन को रोकने का दावा करता है, बल्कि दूरस्थ निगरानी और त्वरित कार्रवाई की सुविधा भी प्रदान करेगा।

ईसीआई ने मतदान दिवस की कार्यवाही के लिए वेबकास्टिंग दिशानिर्देश और तकनीकी विनिर्देश जारी किए हैं। यह व्यवस्था बिल्कुल नई नहीं है। 2011 में बिहार और बंगाल में कुछ बूथों पर इसका ट्रायल हुआ था। 2013-14 में राजस्थान और झारखंड में भी सीमित स्तर पर आजमाया गया। हाल के उपचुनावों में भी इसका इस्तेमाल हुआ। लेकिन बिहार 2025 में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर 100% कवरेज का लक्ष्य है।

इसका मकसद साफ है, धाँधली रोकना, पारदर्शिता लाना और लोगों का भरोसा बढ़ाना। कैमरे की नजर में कोई बूथ कब्जा नहीं कर पाएगा, फर्जी वोट नहीं डल पाएगा, पैसे बाँटने की हिम्मत नहीं होगी। अधिकारी दूर बैठे सैकड़ों बूथ एक साथ देख सकेंगे। फुटेज बाद में सबूत बनेगा। और सबसे बड़ी बात, मतदाता को लगेगा कि उसका वोट सुरक्षित है।

तकनीकी व्यवस्था: कैसे काम करेगा सिस्टम?

  • हार्डवेयर: प्रत्येक बूथ पर फिक्स्ड कैमरे (उच्च रिज़ॉल्यूशन, नाइट विजन जहां जरूरी), ट्राइपॉड, माइक, बैटरी बैकअप और लोकल स्टोरेज। कैमरे मतदाताओं के प्रवेश क्रम और बूथ गतिविधियों को कैप्चर करेंगे, लेकिन मतपत्र गोपनीयता का उल्लंघन नहीं होगा।

  • कनेक्टिविटी: मोबाइल ब्रॉडबैंड या वायर्ड इंटरनेट से लाइव स्ट्रीम राज्य नियंत्रण कक्ष तक पहुंचेगी। खराब कनेक्शन पर लोकल रिकॉर्डिंग बाद में अपलोड होगी।

  • केंद्रीय निगरानी: जिला और राज्य स्तर के कंट्रोल रूम में अधिकारी लाइव फीड देखेंगे; किसी अनियमितता पर तुरंत फील्ड टीम या पुलिस भेजी जाएगी।
  • डेटा प्रबंधन: फुटेज की भंडारण अवधि और पहुंच ईसीआई नियमों के अधीन होगी, हालांकि इस पर विवाद बना हुआ है। 

चुनौतियां और आलोचनाएं

  • कनेक्टिविटी की कमी: ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट नहीं तो वेबकास्टिंग संभव नहीं।
  • गोपनीयता चिंता: मतदाताओं के चेहरे रिकॉर्ड होने से निजता का सवाल। नागरिक अधिकार समूह चेता रहे हैं कि फुटेज का दुरुपयोग या फेशियल रिकग्निशन हो सकता है।
  • फुटेज रखरखाव: कितने दिनों तक रखा जाएगा? हालिया विवादों में छोटी अवधि और सीमित पहुंच पर सवाल।
  • तकनीकी जोखिम: नेटवर्क फेलियर या छेड़छाड़ की आशंका।

बिहार क्यों?

बिहार बड़ा, राजनीतिक रूप से संवेदनशील राज्य है। कड़ी टक्कर वाले चुनाव में ईसीआई मिसाल कायम करना चाहता है। छोटे बूथ, घर-घर ईपीआईसी डिलीवरी, विशेष मतदाता सूची संशोधन जैसे सुधारों का हिस्सा यह कदम है। पहले के पायलट सफल रहे, इसलिए पूर्ण पैमाने पर लागू।

lightning news
संबंधित ख़बरें
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
वायरल खबरें
bihar-politics-jdu-issues-show-cause-notice-giridhari-yadav-sir-remarks-manoj-yadav-dispute-2025
जेडीयू ने बांका सांसद गिरिधारी यादव को SIR टिप्पणियों पर कारण बताओ नोटिस किया जारी, बिहार की राजनीति में हलचल
vice-president-election-2025-nda-victory-chirag-absence-bihar-politics
नाश्ते पर नहीं आए चिराग,तो बीजेपी ने किया बचाव!
employment-is-the-foundation-of-a-developed-bihar-nityanand-rai-vision-india
नित्यानंद राय का संदेश: विजन इंडिया की पहल से बिहार में स्थानीय रोजगार को बढ़ावा
Advertisement
Advertisement