मोदी विरोध की आग में मिथिला की मर्यादा तार-तार, सिमरी में रैली के दौरान पीएम मोदी के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल

दरभंगा के सिमरी विठौली में वोटर अधिकार यात्रा के दौरान राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक नारों ने मिथिला की सांस्कृतिक मर्यादा को तार-तार कर दिया

By : Bihar Talks | Posted On : 29-Aug-2025

Photo Credit - Nishant Azad /X

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Darbhanga: दरभंगा के सिमरी विठौली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भरे मंच से गाली दी गई. राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की वोटर अधिकार यात्रा के क्रम में अलग- अलग जगहों पर कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. उन सभी जगहों से होती हुई यात्रा निकल रही है. इसी क्रम में मिथिला की धरती पर दरभंगा के सिमरी में चल रही सभा में बिहार और केंद्र की सरकार के खिलाफ नारे लगे. लेकिन,मोदी विरोध की आग में जल रहे विरोधियों ने सारी हदें पार कर मर्यादा को तार - तार कर दिया. उन्हें ये इल्म नहीं रहा कि इस नारे से हम बिहार और मिथिला की संस्कृति पर फक्र करने वालों को भी सर झुकाने पर मजबूर कर रहे हैं. लेकिन, इतिहास गवाह रहा है कि जब -जब मोदी विरोधियों ने मोदी को अपशब्द बोला है, तब -तब मोदी को राजनीतिक तौर पर फायदा हुआ है और विरोधी औंधे मुंह गिरे हैं.

ये कोई पहला मौका नहीं है. इसके पहले भी मोदी को अपशब्द कहे गए. ये फेहरिस्त बहुत लंबी है. लेकिन, सबसे ज्यादा चर्चा हुई जब 2007 के गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उस वक्त प्रदेश के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को मौत का सौदागर बताया था. इस हमले के बाद बीजेपी काफी आक्रामक हो गई और नरेंद्र मोदी ने इसे गुजराती अस्मिता से जोड़ दिया. कहा जाता है कि सोनिया गांधी की ये गलती कांग्रेस पर बुरी तरह से भारी पड़ गई और मोदी ने विधानसभा चुनाव में पासा पलट दिया. मोदी ने गुजरात में कांग्रेस को पछाड़ कर सत्ता हासिल की. एक और वाक्या बहुत ही चर्चित रहा जब 2014 के लोकसभा चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने उन्हें चाय वाला बताकर मजाक उड़ाने की कोशिश की थी. उस वक्त मोदी बीजेपी की तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित थे. मौका था दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में कांग्रेस अधिवेशन का. जनवरी की कड़ाके की ठंड में हो रहे इस अधिवेशन में कांग्रेस के लगभग तीन हजार नेता और कार्यकर्ता वहां पहुंचे थे. उस वक्त मणिशंकर अय्यर ने कहा था कि 21वीं शताब्दी में वह (नरेंद्र मोदी) प्रधानमंत्री बन पाएं, ऐसा कतई मुमकिन नहीं है.लेकिन यदि वह यहां (कांग्रेस अधिवेशन में) आकर चाय बेचना चाहें तो हम उनके लिए जगह बना सकते हैं. इस बयान पर काफी बवाल हुआ और नरेंद्र मोदी ने इसे एक चायवाले का बेटा, गरीब का बेटा का अपमान बताया. कांग्रेस के लिए अय्यर का बयान गले की हड्डी बन गया. मोदी देश के प्रधानमंत्री बन गए. हालांकि बाद के वर्षों में मणिशंकर अय्यर ने इस तरह के बयान देने की बात से ही इनकार किया था.  लेकिन, कांग्रेस अपनी गलतियों से नहीं सीखी. लगातार इस तरह के हमले करती है, इस तरह के बयान उसके नेता दे देते हैं जिसे मोदी और बीजेपी के नेता गरीब,शोषित और पिछड़े के बेटे के अपमान से जोड़ते हैं. इसका नुकसान हमेशा मोदी विरोधियों को होता है.

आइए एक नज़र डालते हैं कब - कब मोदी पर इस तरह से "अपशब्द वाण" चलाए गए ?

2009 में दिल्ली में कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद ने नरेंद्र मोदी को "गंदी नाली का कीड़ा" कहा था 

मार्च 2012 में दिल्ली में कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने नरेंद्र मोदी की दाऊद इब्राहिम से तुलना की थी

13 जून 2012 को दिल्ली में ही कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने नरेंद्र मोदी की रावण से तुलना की थी 

अक्टूबर 2012 में एक चुनावी रैली में गुजरात कांग्रेस के नेता अर्जुन मोढ़वाडिया ने नरेंद्र मोदी की बंदर से तुलना की और "रैबिज से पीड़ित" बताया.

नवंबर 2012 में मणिशंकर अय्यर ने नरेंद्र मोदी को "लहू पुरुष, पानी पुरुष, असत्य का सौदागर" कहा था.

नवंबर 2012 में चुनावी रैली में गुजरात कांग्रेस के नेता अर्जुन मोढ़वाडिया ने नरेंद्र मोदी को "असफल पति" बताया था.

2012 में ही पालनपुर में कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने नरेंद्र मोदी को "चूहा" कहा था.

मार्च 2013 को दिल्ली में मणिशंकर अय्यर ने एक बार फिर नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए उनको "सांप, बिच्छू और गंदा आदमी" कहा था.

7 जून 2013 को गोवा में कांग्रेस नेता शांताराम नाइक ने नरेंद्र मोदी की हिटलर और पोल पोट से तुलना की थी.

7 जून 2013 को दिल्ली में रेणुका चौधरी ने नरेंद्र मोदी को "वायरस" कहा और "नमोनिटिस" नाम दिया.

8 जून 2013 को दिल्ली में कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने नरेंद्र मोदी की बंदर से तुलना की थी.

13 जून 2013 को दिल्ली में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने नरेंद्र मोदी को "भस्मासुर" कहा था.

14 जुलाई 2013 को दिल्ली में बेनी प्रसाद वर्मा ने नरेंद्र मोदी को "पागल कुत्ता" कहा था.

17 अगस्त 2013 को दिल्ली में गुलाम नबी आजाद ने नरेंद्र मोदी को "गंगू तेली" कहा था.

1 फरवरी 2014 को कर्नाटक के गुलबर्गा में सोनिया गांधी ने नरेंद्र मोदी पर "जहर की खेती" का आरोप लगाया था.

28 मार्च 2014 को सहारनपुर की रैली में इमरान मसूद ने कहा था कि "नरेंद्र मोदी को टुकड़े-टुकड़े कर देंगे".

16 मई 2016 को दिल्ली में कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने नरेंद्र मोदी को "मोस्ट स्टूपिड पीएम" कहा था.

6 अक्टूबर 2016 को दिल्ली में राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी को "जवानों के खून का दलाल" कहा था.

16 नवंबर 2016 को दिल्ली में कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने नरेंद्र मोदी की गद्दाफी, मुसोलिनी और हिटलर से तुलना की थी.

21 नवंबर 2017 को यूथ कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी पर चाय बेचने को लेकर अपमानजनक ट्वीट किया था.

27 नवंबर 2017 को कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने नरेंद्र मोदी को "अस्वस्थ मानसिकता से पीड़ित" कहा था.

7 दिसंबर 2017 को मणिशंकर अय्यर ने नरेंद्र मोदी को "नीच आदमी" कहा था.

2018 में डूंगरपुर में राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी के लिए "गली-गली में शोर है, चौकीदार चोर है" कहा था. आगे चलकर यह नारा भी राहुल गांधी ने दिया.

13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी के सरनेम पर अपमानजनक टिप्पणी की ("सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों") , ऐसा कहा था, जिस पर बहुत विवाद हुआ.

2020 में मणिशंकर अय्यर ने नरेंद्र मोदी को "कातिल" कहा.

2022 में मल्लिकार्जुन खड़गे ने नरेंद्र मोदी की रावण से तुलना की थी.

27 अप्रैल 2023 को कर्नाटक में मल्लिकार्जुन खड़गे ने नरेंद्र मोदी को "विषैला सांप" कहा.

2023 में राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी को "पनौती" कहा.

 

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