बिहार कैबिनेट ने डोमिसाइल नीति को दी मंजूरी, शिक्षक भर्ती में 98% बिहारियों को प्राथमिकता; 36 प्रस्ताव पास

5 अगस्त को नीतीश कुमार की सरकार ने बिहार में डोमिसाइल नीति लागू करने का ऐतिहासिक फैसला लिया, जिसके तहत शिक्षक भर्ती (TRE-4) में बिहार के मूल निवासियों को प्राथमिकता मिलेगी। इसके साथ ही महिलाओं के लिए 35% आरक्षण को भी डोमिसाइल नीति के दायरे में लाया गया, जिससे केवल बिहारी महिलाओं को लाभ होगा। यह कदम तेजस्वी यादव के डोमिसाइल वादे की धार कुंद करने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। मंत्री विजय चौधरी ने दावा किया कि 90% शिक्षक नौकरियां अब बिहारी युवाओं को मिलेंगी, जिससे स्थानीय युवाओं का भरोसा बढ़ेगा।

By : Bihar Talks | Posted On : 08-Sep-2025

नीतीश कैबिनेट का बड़ा फैसला: बिहार में डोमिसाइल नीति लागू, शिक्षक भर्ती में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता. Picture Courtesy: Nitish Kumar /X

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मंगलवार 5 अगस्त को बिहार में नीतीश कुमार की सरकार की तरफ से बड़ा फैसला लिया गया. नीतीश कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, लेकिन सबसे चर्चित डोमिसाइल नीति रही.इसके अलावा कई योजनाओं में मानदेय बढ़ाने के फैसले पर भी मुहर लगा दी गई. खास तौर से डोमिसाइल लागू करने का फैसला अपने- आप में अहम है. विधानसभा चुनाव सिर पर हैं और विपक्षी दल आरजेडी और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव डोमिसाइल लागू करने का वादा करते रहे हैं. लिहाजा एनडीए सरकार ने उनके वादे और दावे की हवा निकालने की पूरी कोशिश भी की और कर दिखाया है. कैबिनेट की बैठक में डोमिसाइल नीति लागू करने का फैसला किया गया जिसमें शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी TRE -4 से यह नीति प्रभावी हो जाएगी.

डोमिसाइल नीति आखिर है क्या ? दरअसल डोमिसाइल नीति में सरकारी नौकरियों में उस राज्य के मूल निवासियों को प्राथमिकता दी जाती है. बिहार में लागू होने के बाद डोमिसाइल नीति के तहत सरकारी नौकरियों में मूल निवासी को प्राथमिकता मिलेगी, बिहार में शिक्षक नियुक्ति में इसे फिलहाल लागू किया गया है. नीतीश कुमार ने पहले ही बिहार की महिलाओं के लिए 35 फीसदी महिला आरक्षण का लाभ दिया है. इसमें बिहार के बाहर की महिलाओं को नहीं रखा गया है. यानी सरकारी नौकरी में 35 फीसदी डोमिसाइल नीति के तहत महिलाओं को नौकरी दी जाएगी. बाकी बाहर की महिला यानी दूसरे प्रदेश की महिला 35% के बाद सामान्य कैटेगरी में आवेदन कर सकेगी.

डोमिसाइल नीति को लेकर तेजस्वी यादव लगातार सवाल खड़े करते रहे हैं. विपक्ष बिहार के युवाओं की हकमारी की बात उठाकर डोमिसाइल लागू करने की मांग करता रहा है. अब सरकार के फैसले के बाद बिहार के युवाओं को फायदा होगा, स्थानीय युवाओं को रोजगार में प्राथमिकता मिलेगी. जबकि, 35 फ़ीसदी बिहार की महिलाओं के लिए हर तरह की सरकारी नौकरी में डोमिसाइल सहित आरक्षण लागू होने से नीतीश कुमार की पिछले 20 साल से आ रहे महिला सशक्तिकरण अभियान को भी मजबूती मिलेगी. केवल महिला आरक्षण के कारण पहले बिहार के अलावा दूसरे प्रदेश की महिलाओं को फायदा होता था, लेकिन अब इससे केवल बिहार की महिलाओं को ही नौकरी में फायदा होगा. दूसरे प्रदेश की महिलाएं सामान्य कैटेगरी में नौकरी के लिए आवेदन कर सकती हैं.ऐसा माना जा रहा है कि डोमिसाइल नीति लागू होने के बाद बिहार में स्थानीय युवाओं में और भरोसा बढ़ेगा और बेहतर तरीके सामाजिक संदेश भी जाएगा. हालांकि कुछ लोग इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना भी कर रहे हैं. लेकिन बिहार में चुनावी साल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इसका काफी फायदा होगा. इसे चुनावी लॉलीपॉप के तौर पर भी देखा जा रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डोमिसाइल नीति को ऐतिहासिक कदम बताते हुए शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर अवसर प्रदान करने वाला बताया. जबकि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार की एनडीए सरकार पर अपनी हर मांग और योजना की नकल करने का आरोप लगाया है. उधर,एनडीए के घटक दलों ने इस पर अपनी सहमति भी जताई है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार की पीठ भी थपथपाई है.

सरकार की तरफ से बिहार सरकार में मंत्री और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी विजय चौधरी ने मोर्चा संभाला और तेजस्वी यादव और उनकी टीम की तरफ से सरकार पर नकलची होने के आरोप का जवाब दिया. विजय चौधरी ने कहा है कि बिहार की नौकरियां बिहार के युवाओं को मिलेगी. उन्होंने दावा किया कि 90 फ़ीसदी के आसपास बिहार के युवा ही अब शिक्षक बन सकेंगे. उन्होंने बताया कि 5 अगस्त की तारीख इतिहास में अब दर्ज हो जाएगी.कुछ लोग कह रहे हैं कि हमारा एजेंडा यह लोग चुरा लेते हैं लेकिन बिहार की जनता सब देख रही है कि बिहार के लिए कौन फैसला ले रहा है ?लेकिन वह लोग धन्यवाद देने के बजाय अपनी सियासत चमका रहे हैं. वही लोग आज बेरोजगार हो गए हैं.

नीतीश सरकार की तरफ से किए गए इस फैसले को तेजस्वी यादव की डोमिसाइल नीति की मांग की धार को कमजोर करने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है.चुनावी साल है और तीन महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं, लिहाजा क्रेडिट लेने की होड़ में सभी लगे हैं.एक-एक कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उन सभी वादों की हवा निकाल रहे हैं. तेजस्वी यादव की तरफ से अगली सरकार में आने का वादा करते हुए बड़े -बड़े सपने दिखा रहे हैं .लेकिन नीतीश कुमार इसी कार्यकाल के अंत में उस सपने को साकार करने में लगे हैं.

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